WCL 2025 यानी वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स 2025 का फाइनल मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी रोमांचक थ्रिलर से कम नहीं था। लेकिन जिस अंदाज़ में साउथ अफ्रीका ने पाकिस्तान को शिकस्त दी, वह मुकाबला इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। इस जीत के नायक रहे साउथ अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाज एबी डिविलियर्स, जिन्होंने अपने ताबड़तोड़ शतक से पाकिस्तान की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

साउथ अफ्रीका का दमदार प्रदर्शन
3 अगस्त 2025 को खेले गए WCL 2025 के फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका चैंपियंस ने शानदार खेल दिखाते हुए पाकिस्तान चैंपियंस को करारी शिकस्त दी। जहां एक ओर पाकिस्तान ने दमदार बल्लेबाजी कर स्कोरबोर्ड को मजबूत किया, वहीं दूसरी ओर साउथ अफ्रीका ने दबाव में भी शानदार चेस करते हुए खिताब अपने नाम किया।
पाकिस्तान की धमाकेदार शुरुआत
पाकिस्तान की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जबरदस्त आगाज़ किया। शर्जील खान ने अपनी ताबड़तोड़ पारी से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। उन्होंने सिर्फ 44 गेंदों में 76 रन बनाए, जिसमें 8 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के शामिल थे।
इसके बाद उमर अमीन और आसिफ अली ने पाकिस्तान की पारी को और गति दी। दोनों ने मिलकर 31 गेंदों में 61 रन जोड़े। अंतिम ओवरों में तेज़ रनों की बदौलत पाकिस्तान ने एक चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया।
एबी डिविलियर्स का तूफान
जब साउथ अफ्रीका ने लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया, तब शुरुआत थोड़ी धीमी रही। लेकिन जैसे ही एबी डिविलियर्स मैदान पर आए, मैच की तस्वीर ही बदल गई। उन्होंने शुरुआत में कुछ गेंदें समझीं और फिर अपने पुराने स्टाइल में तूफानी बल्लेबाजी शुरू की।
डिविलियर्स ने सिर्फ 47 गेंदों में शतक जड़ दिया, जो इस टूर्नामेंट का सबसे तेज़ शतक बन गया। उनकी पारी में हर वो शॉट देखने को मिला जिसके लिए वे दुनियाभर में मशहूर हैं – रिवर्स स्वीप, लॉन्ग ऑन पर छक्का, कवर ड्राइव, और हेलीकॉप्टर शॉट तक!

पाकिस्तान की हार, फील्डिंग बनी बड़ी वजह
पाकिस्तान की हार के पीछे एक बड़ा कारण उनकी कमज़ोर फील्डिंग भी रही। उन्होंने 3 कैच छोड़े, जिनमें से दो डिविलियर्स के थे। अगर इनमें से एक भी कैच पकड़ लिया गया होता, तो शायद मैच की कहानी कुछ और होती।
बॉलिंग यूनिट भी दबाव में दिखी। खासकर डेथ ओवर्स में गेंदबाज लाइन-लेंथ खो बैठे, जिसका फायदा साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों ने बखूबी उठाया।
WCL 2025: टूर्नामेंट की झलक
WCL 2025 यानी World Championship of Legends इस साल एक जबरदस्त क्रिकेट टूर्नामेंट साबित हुआ। इसमें कई देशों के पुराने दिग्गज खिलाड़ी शामिल हुए – भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज।
यह टूर्नामेंट उन क्रिकेटर्स को फिर से देखने का मौका देता है, जिन्होंने एक समय क्रिकेट की दुनिया पर राज किया था। फैन्स को एक बार फिर वीरेंद्र सहवाग, ब्रेट ली, मिस्बाह-उल-हक, केविन पीटरसन और डिविलियर्स जैसे सितारे मैदान में देखने को मिले।
टूर्नामेंट के टॉप मोमेंट्स:
- भारत vs पाकिस्तान मैच में सहवाग की 80 रनों की पारी
- इंग्लैंड के केविन पीटरसन का 90 रन का क्लासिक नॉक
- ब्रेट ली की हैट्रिक जिसने टूर्नामेंट में तहलका मचा दिया
- डिविलियर्स का रिकॉर्ड शतक – WCL 2025 फाइनल का सबसे बड़ा आकर्षण
सोशल मीडिया पर छाया डिविलियर्स का तूफान
WCL 2025 फाइनल के बाद सोशल मीडिया पर #ABDReturns, #WCL2025Final और #PakVsSA ट्रेंड करने लगे। फैन्स ने डिविलियर्स की पारी को “सदी की सबसे विस्फोटक पारी” बताया। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर डिविलियर्स के छक्कों की क्लिप्स वायरल हो गईं।
क्या कहती है जीत के बाद की स्टेटमेंट?
मैच के बाद साउथ अफ्रीका के कप्तान ने कहा –
“हमारी टीम ने पूरी मेहनत की है। डिविलियर्स जैसे खिलाड़ी के साथ खेलना किसी वरदान से कम नहीं। उन्होंने एक बार फिर दिखा दिया कि वे क्यों क्रिकेट के मिस्टर 360° हैं।”
वहीं पाकिस्तान के कप्तान मोहम्मद हफीज ने स्वीकार किया कि –
“हमने मैच में मौके गंवाए। फील्डिंग में गलती भारी पड़ी। डिविलियर्स ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, वो लाजवाब था।”
क्या WCL का भविष्य और भी बड़ा होगा?
WCL 2025 ने यह साबित कर दिया है कि लीजेंड्स का खेलना आज भी दर्शकों को उतना ही लुभाता है जितना पहले। स्टेडियम फुल थे, व्यूअरशिप रिकॉर्ड पर थी, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिव्यूज़ शानदार रहे।
संभावना है कि अगले साल WCL 2026 को और भी बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा। इसमें महिला क्रिकेटर्स को भी शामिल करने की चर्चा हो रही है, जिससे टूर्नामेंट और भी समावेशी और आकर्षक बन सकता है।
निष्कर्ष: WCL 2025 एक क्रिकेट महाकुंभ
WCL 2025 का फाइनल न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार रहा, बल्कि डिविलियर्स की पारी ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। साउथ अफ्रीका की यह जीत आने वाले लीजेंड्स टूर्नामेंट के लिए एक बेंचमार्क सेट कर गई है।
जो लोग मानते थे कि क्रिकेटर्स का करियर 35 की उम्र के बाद खत्म हो जाता है, उन्हें इस टूर्नामेंट ने दिखा दिया कि असली हुनर उम्र नहीं देखता। और शायद इसीलिए क्रिकेट को “जेंटलमैन का खेल” कहा जाता है – जो दिलों को जोड़ता है, उमंगें जगाता है और कभी पुराना नहीं होता।