महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों सबसे चर्चित नाम बन चुके हैं Suresh Dhas। स्पष्टवादिता और जनहित के मुद्दों को खुलकर उठाने के लिए पहचाने जाने वाले Suresh Dhas ने एक बार फिर अपने बेबाक बयानों से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस बार मामला है धनंजय मुंडे को फिर से मंत्रिमंडळ में शामिल किए जाने के संकेतों और बहुचर्चित महादेव मुंडे हत्या प्रकरण का।
Suresh Dhas ने कहा – “महादेव मुंडे प्रकरण सबसे पहले मैंने उठाया”
Suresh Dhas ने खुले तौर पर कहा कि जब कोई इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं था, तब उन्होंने सबसे पहले महादेव मुंडे प्रकरण को उठाया। Suresh Dhas के अनुसार, 21 अक्टूबर 2023 को हुई हत्या के बाद अब तक आरोपी पकड़े नहीं गए हैं, जो प्रशासन की विफलता को दर्शाता है।
Suresh Dhas ने कहा कि पीड़ित परिवार अब निराशा की स्थिति में है और विष पीने की सोचने पर मजबूर हो गया है। इसलिए Suresh Dhas ने यह सुनिश्चित किया है कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे।

जेल से चला “आका” का नेटवर्क – Suresh Dhas का बड़ा खुलासा
Suresh Dhas ने यह भी कहा कि जेल के अंदर एक “स्पेशल फोन” मिला है जिससे ‘आका’ जैसे अपराधी बाहर के कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। Suresh Dhas का दावा है कि उन्होंने इस मुद्दे पर पहले भी कई बार आवाज उठाई है और अब इस फोन के डेटा को खंगालने की मांग कर रहे हैं ताकि पर्दे के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।
Suresh Dhas का यह कदम दर्शाता है कि वह न केवल आरोप लगाते हैं, बल्कि हर पहलू की तह तक जाकर प्रमाण जुटाने और न्याय सुनिश्चित करने की लड़ाई भी लड़ते हैं।

धनंजय मुंडे की वापसी पर Suresh Dhas का संतुलित रुख
जब पत्रकारों ने Suresh Dhas से पूछा कि अजित पवार ने धनंजय मुंडे को मंत्रिमंडळ में शामिल करने के संकेत दिए हैं, तो Suresh Dhas ने संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह उनके दल का विषय है, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा।”
हालांकि, Suresh Dhas ने यह जरूर जोड़ा कि कुछ लोग अभी भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं, भले ही धनंजय मुंडे को क्लीन चिट मिल गई हो।
कृषि घोटाले पर Suresh Dhas का बड़ा सवाल
Suresh Dhas ने कृषि विभाग में हुए कथित घोटालों को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि DBT योजना के फैसले को नजरअंदाज करके वहां 78 फर्जी कंपनियों की स्थापना की गई। Suresh Dhas की मांग है कि इन मामलों की जांच के लिए एक स्वतंत्र SIT का गठन किया जाना चाहिए।
Suresh Dhas ने यह भी बताया कि जिन अधिकारियों को जांच के लिए नियुक्त किया गया, उनकी निष्पक्षता पर उन्होंने पहले ही सवाल खड़े किए थे। इससे जाहिर होता है कि Suresh Dhas किसी भी मामले में आधी जानकारी पर भरोसा नहीं करते, बल्कि हर पहलू की गहराई में जाकर कार्रवाई चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर Suresh Dhas का जवाब
जब सोमनाथ सूर्यवंशी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए, तब Suresh Dhas से प्रतिक्रिया मांगी गई। इस पर Suresh Dhas ने बड़ी विनम्रता से कहा कि “इतने बड़े केस पर मेरे जैसे छोटे व्यक्ति को टिप्पणी करना उचित नहीं है।” यह बयान दर्शाता है कि Suresh Dhas जमीन से जुड़े नेता हैं, जो हर स्थिति में अपनी सीमाएं जानते हैं।
मीडिया से मुखातिब Suresh Dhas: “मैंने चुप्पी नहीं साधी”
Suresh Dhas ने प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि जब सभी लोग महादेव मुंडे केस पर चुप थे, तब उन्होंने आवाज उठाई। Suresh Dhas का दावा है कि जब उन्होंने यह मुद्दा उठाया, तभी सरकार और प्रशासन हरकत में आए।
Suresh Dhas ने कहा कि ऐसे प्रकरणों में चुप रहना अन्याय को बढ़ावा देना होता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की जानकारी दी और कहा कि अब वह पूरी ताकत से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे।
निष्कर्ष: Suresh Dhas – आवाज़ जो सत्ता से नहीं डरती
Suresh Dhas ने बार-बार यह साबित किया है कि वह जनहित से जुड़े हर मुद्दे को बिना किसी डर के उठाते हैं। चाहे महादेव मुंडे हत्या का मामला हो, या जेल से चलने वाला आपराधिक नेटवर्क, या फिर कृषि घोटाले की जांच – हर बार Suresh Dhas ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है।
राजनीति में जहां अधिकतर लोग चुप रहना पसंद करते हैं, वहां Suresh Dhas अपने सवालों और मांगों से सरकार को जवाबदेह बनाते हैं। जनता को उनसे उम्मीद है कि वे आगे भी इसी तरह निष्पक्ष और निर्भीक रूप से अपनी आवाज़ उठाते रहेंगे।