जब भी बाजार में किसी नए IPO की चर्चा होती है, तो निवेशकों के बीच एक अलग ही उत्साह दिखाई देता है। कहीं कोई कहता है – “इस IPO में पैसा लगा दो, करोड़पति बन जाओगे!” तो कोई सावधानी की सलाह देता है – “IPO सबका नहीं होता, सोच समझकर कदम बढ़ाना!”

लेकिन सवाल यही है – IPO क्या वाकई एक शानदार मौका है अमीर बनने का? या फिर यह केवल एक सुनहरी चमक है जिसमें कई बार आम निवेशक जल जाते हैं?
आइए इस रहस्य से पर्दा उठाते हैं।
IPO क्या है?
IPO यानी Initial Public Offering। यह वह प्रक्रिया है जिसके जरिए कोई निजी (Private) कंपनी पहली बार आम जनता को अपने शेयर बेचती है और स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाती है।
मतलब, कोई भी आम आदमी उस कंपनी का हिस्सेदार बन सकता है। इसके जरिए कंपनी पूंजी जुटाती है, और निवेशकों को भविष्य में रिटर्न की उम्मीद होती है।
IPO का आकर्षण क्यों?
IPO में निवेश को लेकर उत्साह की सबसे बड़ी वजह होती है – लिस्टिंग गेन। कई बार कंपनी के शेयर जिस दाम पर आपको मिलते हैं, वो लिस्ट होते समय कई गुना ज़्यादा हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, ज़ोमैटो, नायका, हर्षा इंजीनियर्स जैसे IPOs में लोगों ने कुछ ही दिनों में 50% से 100% तक का मुनाफा कमाया है।
लेकिन हर IPO ऐसा नहीं होता…
हर IPO में फायदा नहीं होता!
IPO का एक चेहरा चमकदार होता है, लेकिन दूसरा चेहरा उतना ही खतरनाक भी हो सकता है।
- कुछ IPOs जैसे Paytm, LIC और Reliance Power ने निवेशकों को भारी नुकसान में डुबो दिया।
- कई बार कंपनियां overpriced होती हैं यानी उनके शेयर असली वैल्यू से कहीं ज़्यादा दाम पर बेच दिए जाते हैं।
- कई IPOs में तो लिस्टिंग के कुछ ही दिन में शेयर की कीमत गिर जाती है।
इसलिए IPO से कमाई का सपना देखना गलत नहीं, पर आँख मूँदकर भरोसा करना खतरे से खाली नहीं।

IPO में निवेश कैसे करें?
IPO में निवेश करने के लिए आपको चाहिए:
- Demat Account – किसी भी ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जैसे Zerodha, Groww, Upstox या Paytm Money पर।
- UPI ID – पेमेंट कंफर्म करने के लिए।
- जानकारी और रिसर्च – बस नाम देखकर मत लगाइए, कंपनी की बैलेंस शीट और भविष्य की प्लानिंग पर भी ध्यान दें।
आप निवेश कर सकते हैं:
- Retail investor quota से (₹2 लाख तक)
- या अगर आप बड़े निवेशक हैं तो HNI quota में भी।
IPO से पहले क्या रिसर्च करें?
IPO में निवेश से पहले ये ज़रूर जांचें:
- RHP (Red Herring Prospectus) – कंपनी का बायोडाटा होता है इसमें। कमाई, कर्ज, रिस्क फैक्टर्स सबकुछ लिखा होता है।
- Company के प्रॉफिट ट्रेंड्स – पिछले 3 साल का मुनाफा देखना ज़रूरी है।
- Valuation – शेयर आपको महंगे मिल रहे हैं या सस्ते?
- Grey Market Premium (GMP) – बाजार में कितना उत्साह है, यह बताता है GMP।
IPO में कब NOT निवेश करना चाहिए?
जब कंपनी का बिज़नेस बहुत नया हो और कमाई में स्थिरता न हो।
जब कंपनी का Debt बहुत ज़्यादा हो।
जब कंपनी सिर्फ buzz बनाकर पैसे उठाना चाह रही हो, बिना strong fundamentals के।
जब GMP नेगेटिव जा रहा हो, और anchor investors दिलचस्पी न दिखा रहे हों।
IPO में कैसे बन सकते हैं करोड़पति?
अगर आप सही IPO चुनते हैं और लंबे समय तक निवेश बनाए रखते हैं, तो यह आपकी दौलत का ज़रिया बन सकता है।
उदाहरण:
Infosys का IPO साल 1993 में आया था। अगर आपने ₹10,000 का निवेश किया होता, तो आज उसकी कीमत करोड़ों में होती।
Eicher Motors, TCS, Asian Paints जैसे शेयर IPO में मिले लोगों को अमीर बना चुके हैं।
लेकिन ऐसा तभी होता है जब आप लंबे समय तक होल्ड करते हैं, और सिर्फ listing gains पर भरोसा नहीं करते।
IPO में निवेश करना कला है, जुआ नहीं!
IPO में निवेश को लोग अक्सर लॉटरी की तरह समझते हैं – “अगर लग गया तो मुनाफा, नहीं तो क्या फर्क पड़ता है!” लेकिन असली निवेशक वही होता है जो सोच-समझकर, रिसर्च के बाद IPO में कदम रखता है।
IPO एक शानदार मौका हो सकता है… अगर आप इसे समझदारी से अपनाएं।
निष्कर्ष – IPO: सपना या धोखा?
IPO न तो केवल सपना है, न ही धोखा। यह एक मौका है – जिससे आप या तो बड़ा बना सकते हैं, या फिर नुकसान भी खा सकते हैं।
अगर आप:
- कंपनी को समझते हैं,
- रिस्क लेने को तैयार हैं,
- और जल्दबाज़ी नहीं करते,
तो IPO आपको करोड़ों तक ले जा सकता है।
लेकिन बिना सोचे समझे बस दूसरों को देखकर दौड़ लगाई, तो यह सुनहरी ख्वाब भी बुरा सपना बन सकता है।
अंतिम सलाह:
“हर IPO में मत भागिए, हर अफवाह पर मत चलिए – लेकिन हर मौके को पहचानिए।”