महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा की भावुक विदाई: 30 वर्षों के समर्पण को सलाम

नई दिल्ली – जब भी भारतीय खेल जगत में महिला बैडमिंटन का नाम लिया जाएगा, तो महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा का योगदान हमेशा गर्व के साथ याद किया जाएगा। दिल्ली के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी स्टेडियम में हाल ही में आयोजित एक भावनात्मक समारोह में महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा की विदाई ने खिलाड़ियों, अधिकारियों और खेल प्रेमियों को भावुक कर दिया।

कौन हैं महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा?

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के अंतर्गत काम करते हुए पिछले 30 वर्षों में सैकड़ों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को तैयार किया है। उन्होंने न केवल खिलाड़ियों को तकनीकी दक्षता दी, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी मज़बूत बनाया। उनकी कोचिंग में पले-बढ़े कई खिलाड़ी आज देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहे हैं।

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा की कोचिंग शैली

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा हमेशा अनुशासन, मेहनत और समर्पण की मिसाल रही हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से पहले स्वयं के लिए कठोर नियम बनाए और वही अनुशासन अपने विद्यार्थियों पर भी लागू किया। वह खिलाड़ियों को सिखाती थीं कि सिर्फ जीतना ही नहीं, बल्कि मैदान पर सम्मानजनक खेल दिखाना भी ज़रूरी है।

खिलाड़ियों की भावुक प्रतिक्रियाएं

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा की विदाई पर उनके शिष्यों ने मंच पर कई बार अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। एक खिलाड़ी ने कहा, “हमारे पास जब ट्रेनिंग के लिए बैडमिंटन शूज़ भी नहीं थे, तब महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा ने अपने खर्च से हमें सारा सामान दिलाया। वो सिर्फ कोच नहीं, हमारे जीवन की मार्गदर्शक रहीं।” यह बयान उनके व्यक्तित्व और संवेदनशीलता को दर्शाता है।

आर्थिक रूप से कमजोर तबके की मसीहा

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा का सबसे बड़ा योगदान यह रहा कि उन्होंने देश के कोने-कोने से आए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों को अवसर दिए। उन्होंने केवल टैलेंट को महत्व दिया, न कि सामाजिक या आर्थिक स्थिति को। उनके लिए खिलाड़ी की लगन और मेहनत सबसे ऊपर थी।

कोचों और अधिकारियों का समर्थन

इस भावनात्मक समारोह में देशभर के नामी कोच, खेल प्रशासक, और SAI के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। सभी ने महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा की मेहनत को एक सुर में सलाम किया। अधिकारियों ने इस बात की भी पुष्टि की कि अब उन्हें सलाहकार की भूमिका में बनाए रखने की योजना पर काम किया जा रहा है, जिससे उनका अनुभव अगली पीढ़ी तक पहुंच सके।

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा की जीवन यात्रा

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा ने कोचिंग का रास्ता तब चुना, जब महिलाएं खेलों में बहुत कम दिखाई देती थीं। उन्होंने अपने कठिन परिश्रम से उस दौर में लड़कियों को बैडमिंटन की ओर प्रेरित किया, जब समाजिक सोच इसके खिलाफ थी। उन्होंने हर चुनौती को स्वीकार किया और अपने सपनों को खिलाड़ियों की सफलता में बदल दिया।

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा

बैडमिंटन के विकास में भूमिका

आज जब भारतीय बैडमिंटन को पीवी सिंधु, साइना नेहवाल, और अन्य अंतरराष्ट्रीय नामों से पहचाना जाता है, तो इसकी नींव रखने वाले कोचों में महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। उनकी मेहनत ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे खिलाड़ियों को तैयार किया जो भविष्य में देश के प्रतिनिधि बने।

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा का योगदान अमिट रहेगा

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा के योगदान को शब्दों में समेटना मुश्किल है। उन्होंने 30 वर्षों की सेवा के दौरान हजारों खिलाड़ियों के जीवन को आकार दिया। अब जबकि वह सेवानिवृत्त हो गई हैं, उनके द्वारा सिखाए गए मूल्य, अनुशासन और जुनून, खिलाड़ियों और कोचों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।

निष्कर्ष

महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा की विदाई एक युग के अंत की तरह है, लेकिन उनका योगदान खेल जगत में हमेशा अमर रहेगा। उनके द्वारा गढ़े गए खिलाड़ी आने वाले वर्षों में देश को और भी गौरव प्रदान करेंगे। आज जब पूरा देश महिला खिलाड़ियों की सफलता पर गर्व करता है, तो उसके पीछे एक सशक्त स्तंभ – महिला बैडमिंटन कोच सुनीता शर्मा – को कभी नहीं भूला जा सकता।

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